रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं
रोज़ाना पीने वाली प्लास्टिक बोतलें हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार कर रही हैं

By Gaon Connection

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार साबित किया है कि सिंगल-यूज़ PET बोतलों से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक इंसानी शरीर के जरूरी सिस्टम को नुकसान पहुँचा रहे हैं। यह अदृश्य कण हमारी gut health, खून और सेल्स तक को धीमे-धीमे कमजोर कर रहे हैं, बिना हमें महसूस हुए।

सावधान! मार्केट में असली और नकली अंडों की पहचान ऐसे करें || Real vs Fake Eggs Identification
2:23
सावधान! मार्केट में असली और नकली अंडों की पहचान ऐसे करें || Real vs Fake Eggs Identification

सावधान! क्या आप जिस अंडे को हेल्दी प्रोटीन समझकर खा रहे हैं,वो प्लास्टिक, जिप्सम और वैक्स से बना नकली अंडा तो नहीं? हाँ, बिल्कुल सच है मार्केट में फेक एग्स / नकली अंडों की एंट्री हो चुकी है। ये अंडे देखने में भी असली जैसे और पकाने में भी बिल्कुल असली लगते हैं। लेकिन ये हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। इस वीडियो में जानिए नकली अंडे कैसे बनते हैं? असली अंडे और नकली अंडे में क्या फर्क है? घर बैठे असली अंडे पहचानने के 6 आसान तरीके जो हर घर में किए जा सकते हैं। हमारा उद्देश्य डर फैलाना नहीं है —बल्कि सही जानकारी देकर आपकी सेहत को सुरक्षित रखना है।

सावधान! क्या आप जिस अंडे को हेल्दी प्रोटीन समझकर खा रहे हैं,वो प्लास्टिक, जिप्सम और वैक्स से बना नकली अंडा तो नहीं? हाँ, बिल्कुल सच है मार्केट में फेक एग्स / नकली अंडों की एंट्री हो चुकी है। ये अंडे देखने में भी असली जैसे और पकाने में भी बिल्कुल असली लगते हैं। लेकिन ये हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। इस वीडियो में जानिए नकली अंडे कैसे बनते हैं? असली अंडे और नकली अंडे में क्या फर्क है? घर बैठे असली अंडे पहचानने के 6 आसान तरीके जो हर घर में किए जा सकते हैं। हमारा उद्देश्य डर फैलाना नहीं है —बल्कि सही जानकारी देकर आपकी सेहत को सुरक्षित रखना है।

State of Global Air 2025: जहरीली और प्रदूषित हवा से क्यों घट रही है युवाओं की उम्र?
State of Global Air 2025: जहरीली और प्रदूषित हवा से क्यों घट रही है युवाओं की उम्र?

क्या आप जानते हैं कि जिस हवा में हम रोज़ सांस लेते हैं, वही अब हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है? 'स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2025' रिपोर्ट के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर के बाद, प्रदूषित हवा मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसका सबसे बुरा असर भारत के युवाओं पर पड़ रहा है।

क्या आप जानते हैं कि जिस हवा में हम रोज़ सांस लेते हैं, वही अब हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है? 'स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2025' रिपोर्ट के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर के बाद, प्रदूषित हवा मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसका सबसे बुरा असर भारत के युवाओं पर पड़ रहा है।

जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ
जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ

By Gaon Connection

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

PM Kisan सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी, 9.5 करोड़ से ज़्यादा किसानों के खाते में 2000 रुपये
PM Kisan सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी, 9.5 करोड़ से ज़्यादा किसानों के खाते में 2000 रुपये

By Gaon Connection

COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?
COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?

By Manvendra Singh

मत्स्य पालन में डिजिटल क्रांति: मोबाइल ऐप्स और ड्रोन से होगी 2025 की जनगणना
मत्स्य पालन में डिजिटल क्रांति: मोबाइल ऐप्स और ड्रोन से होगी 2025 की जनगणना

By Gaon Connection

भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।

भारत की पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य जनगणना शुरू हो गई है। ‘व्यास भारत’ और ‘व्यास सूत्र’ जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए 13 तटीय राज्यों के 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी। ड्रोन सर्वे और रियल-टाइम डेटा ट्रैकिंग से यह अभियान मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता, सटीकता और तकनीकी प्रगति का नया अध्याय बनेगा।

LPG छोड़िए, अब रसोई में बिजली का जलवा - सस्ती भी, टिकाऊ भी
LPG छोड़िए, अब रसोई में बिजली का जलवा - सस्ती भी, टिकाऊ भी

By Gaurav Rai

IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

IEEFA की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ई-कुकिंग, एलपीजी से 37% और पीएनजी से 14% सस्ती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

किसानों के हित में सरकार का बड़ा फैसला, रबी सीजन 2025-26 के लिए खाद सब्सिडी को मंजूरी
किसानों के हित में सरकार का बड़ा फैसला, रबी सीजन 2025-26 के लिए खाद सब्सिडी को मंजूरी

By Gaon Connection

रबी फसलों के लिए सरकार ने बढ़ाया MSP: किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
रबी फसलों के लिए सरकार ने बढ़ाया MSP: किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

By Gaon Connection

केंद्र सरकार ने 2026-27 के विपणन वर्ष के लिए रबी फसलों का नया MSP घोषित किया है। गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों और सफ्लावर पर बढ़ी हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य दरें किसानों की आय बढ़ाने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं।

केंद्र सरकार ने 2026-27 के विपणन वर्ष के लिए रबी फसलों का नया MSP घोषित किया है। गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों और सफ्लावर पर बढ़ी हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य दरें किसानों की आय बढ़ाने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं।

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.