By Madhav Sharma
खानाबदोश सिकलीगर समुदाय, जो गुरु तेग बहादुर की सेना के लिए हथियार बनाने का दावा करता है, अब घोर गरीबी में जी रहा है और उनके बच्चे, 12 साल की उम्र में जयपुर की सड़कों पर घूमते हैं और घर चलाने के लिए चाकू की धार तेज करते हैं। लेकिन दिन ब दिन ग्राहकों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि इन दिनों कोई भी चाकुओं में धार नहीं लगवाता है।
खानाबदोश सिकलीगर समुदाय, जो गुरु तेग बहादुर की सेना के लिए हथियार बनाने का दावा करता है, अब घोर गरीबी में जी रहा है और उनके बच्चे, 12 साल की उम्र में जयपुर की सड़कों पर घूमते हैं और घर चलाने के लिए चाकू की धार तेज करते हैं। लेकिन दिन ब दिन ग्राहकों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि इन दिनों कोई भी चाकुओं में धार नहीं लगवाता है।
By Madhav Sharma
The nomadic Sikligar community that claims to have made weapons for the army of Guru Tegh Bahadur, now lives in abject poverty and its children, as young as 12 years, roam the streets of Jaipur to sharpen knives to earn a living. But customers are drying up as no one repairs knives these days.
The nomadic Sikligar community that claims to have made weapons for the army of Guru Tegh Bahadur, now lives in abject poverty and its children, as young as 12 years, roam the streets of Jaipur to sharpen knives to earn a living. But customers are drying up as no one repairs knives these days.
By Madhav Sharma
राजस्थान में जहां सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को फिर से शुरू करने की तारीफ कर रहे हैं, वहीं राज्य में प्रमुख विपक्षी दल इसे न केवल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बल्कि 2024 लोकसभा चुनावों के लिए भी वोट बैंक की राजनीति करार दे रहे हैं।
राजस्थान में जहां सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को फिर से शुरू करने की तारीफ कर रहे हैं, वहीं राज्य में प्रमुख विपक्षी दल इसे न केवल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बल्कि 2024 लोकसभा चुनावों के लिए भी वोट बैंक की राजनीति करार दे रहे हैं।
By Madhav Sharma
While government employees in Rajasthan are cheering the reintroduction of the old pension system, the principal opposition party in the state is terming it as a desperate attempt to secure votes not only for the assembly elections which are scheduled next year but also the Lok Sabha polls in 2024.
While government employees in Rajasthan are cheering the reintroduction of the old pension system, the principal opposition party in the state is terming it as a desperate attempt to secure votes not only for the assembly elections which are scheduled next year but also the Lok Sabha polls in 2024.
By Madhav Sharma
ईंट भट्टों पर काम करने वाले ज्यादातर मजदूर ठेकेदार के जरिए पहुंचते हैं, जिनसे पहले ही वो घर की जरुरतों, शादी और इलाज आदि के लिए कर्ज ले चुके होते हैं। जिसके बाद ये प्रवासी मजदूर एक तरह से ठेकेदार की शर्तों पर जीते हैं, उनके बताए भट्टे पर काम करते हैं, उनकी बताई दुकान से राशन तक खरीदते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- 2
ईंट भट्टों पर काम करने वाले ज्यादातर मजदूर ठेकेदार के जरिए पहुंचते हैं, जिनसे पहले ही वो घर की जरुरतों, शादी और इलाज आदि के लिए कर्ज ले चुके होते हैं। जिसके बाद ये प्रवासी मजदूर एक तरह से ठेकेदार की शर्तों पर जीते हैं, उनके बताए भट्टे पर काम करते हैं, उनकी बताई दुकान से राशन तक खरीदते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- 2
By Madhav Sharma
देश में कई करोड़ बच्चे खेलने और स्कूल जाने की उम्र में दिहाड़ी मजदूर बन जाते हैं। ऐसे अघोषित बाल मजदूरों की संख्या ईंट-भट्टों में काफी है। 6-14 साल तक के बच्चे भी 10-12 घंटे मेहनत करते हैं। बाल श्रम, चाइल्ड राइट, मानवाधिकार के दावे यहां चिमनी के धुएं में उड़ते नजर आते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- पार्ट 1
देश में कई करोड़ बच्चे खेलने और स्कूल जाने की उम्र में दिहाड़ी मजदूर बन जाते हैं। ऐसे अघोषित बाल मजदूरों की संख्या ईंट-भट्टों में काफी है। 6-14 साल तक के बच्चे भी 10-12 घंटे मेहनत करते हैं। बाल श्रम, चाइल्ड राइट, मानवाधिकार के दावे यहां चिमनी के धुएं में उड़ते नजर आते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- पार्ट 1
By Madhav Sharma
दुनिया में कैंसर, एड्स और युद्द और मानव हत्या से होनी वाली मौतों से ज्यादा जानें आत्महत्या की वजह से जा रही हैं। दुनिया में हर 40 सेंकेड में एक आत्महत्या हो रही है।
दुनिया में कैंसर, एड्स और युद्द और मानव हत्या से होनी वाली मौतों से ज्यादा जानें आत्महत्या की वजह से जा रही हैं। दुनिया में हर 40 सेंकेड में एक आत्महत्या हो रही है।
By Madhav Sharma
जनवरी 2019 में भारत से तीन बारातें पाकिस्तान के सिंध गई थीं। लेकिन पुलवामा हमले के बाद तीनों दूल्हे बिना दुल्हन ही अप्रैल में वापस आ गए थे। लंबी मशक्कत के बाद 2 दुल्हनें मार्च 2021 में भारत आ गईं थी, लेकिन विक्रम की दुल्हन का वीजा ब्लैक लिस्ट हो गया था। अब ढाई साल बाद विक्रम की लंबी जद्दोजहद के बाद उनकी दुल्हन को वीजा मिला है।
जनवरी 2019 में भारत से तीन बारातें पाकिस्तान के सिंध गई थीं। लेकिन पुलवामा हमले के बाद तीनों दूल्हे बिना दुल्हन ही अप्रैल में वापस आ गए थे। लंबी मशक्कत के बाद 2 दुल्हनें मार्च 2021 में भारत आ गईं थी, लेकिन विक्रम की दुल्हन का वीजा ब्लैक लिस्ट हो गया था। अब ढाई साल बाद विक्रम की लंबी जद्दोजहद के बाद उनकी दुल्हन को वीजा मिला है।
By Madhav Sharma
कैच द रेन: जैसलमेर में इस वर्ष पानी का घोर संकट है। पाकिस्तान की सीमा के करीब बसे एक गांव के पक्के घरों में बारिश के पानी को जमा करने के लिए टांके बनाए गए थे, यहां बारिश न बराबर हुई थी, लेकिन जो हुई उसको संजो लिया गया है, जिसके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।
कैच द रेन: जैसलमेर में इस वर्ष पानी का घोर संकट है। पाकिस्तान की सीमा के करीब बसे एक गांव के पक्के घरों में बारिश के पानी को जमा करने के लिए टांके बनाए गए थे, यहां बारिश न बराबर हुई थी, लेकिन जो हुई उसको संजो लिया गया है, जिसके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।
By Madhav Sharma
डूंगरपुर नगर परिषद ने 2018 में पहली बार शहर के छह वॉर्डों में 10-10 सिलाई मशीनों से ये सेंटर खोले। 10 महिलाओं से शुरू हुए इन प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या अब चार हो चुकी है और इनमें 200 महिलाएं अलग-अलग काम की ट्रेनिंग ले रही हैं।
डूंगरपुर नगर परिषद ने 2018 में पहली बार शहर के छह वॉर्डों में 10-10 सिलाई मशीनों से ये सेंटर खोले। 10 महिलाओं से शुरू हुए इन प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या अब चार हो चुकी है और इनमें 200 महिलाएं अलग-अलग काम की ट्रेनिंग ले रही हैं।